Thursday 3 October 2013

त्रिकोण आसन

खड़े होकर आसन करने की मुद्रा में किया जाने वाला त्रिकोण आसन सरल आसनों की श्रृंखला का एक महत्वपूर्ण आसन है। इस आसन के दौरान त्रिकोण की मुद्रा बनती है इसीलिए इसे त्रिकोण आसन कहते हैं।
विधि :-
१- सर्वप्रथम आसन पर अपने दोनों पैरों को कंधों से अधिक दूरी देते हुए फैला कर खड़े हो जाएँ । कमर एवं गर्दन सीधी रखें। 
२- दाहिने पैर के पंजे को दाहिनी तरफ घुमा लें। सांसों को सामान्य करते हुए दोनों हाथों को ऊपर उठाते हुए कंधे की सीध में उन्हें फैला लें।
३-अब कमर के ऊपरी भाग को गर्दन के साथ  दाहिनी तरफ मोडते हुए तथा साँस बाहर निकालते हुए  झुक कर  बाएं हाथ के अंगूठे से दाहिने पैर के अंगूठे को स्पर्श करें। अब  गर्दन को बायीं तरफ मोडते हुए दाहिने हाथ के अंगूठे को देखते रहें।५-१० सेकेण्ड तक  इस स्थिति में रुकें।
४- पुनश्च साँस भरते हुए दोनों हाथो को वापस ले आयें और अपनी सांसों को सामान्य कर लें।
५- अब अपने  बाएं पंजे को  बायीं तरफ घुमा लें एवं सांसों को सामान्य कर लें ।
६- अब दोनों हाथों को भुजाओं की सीध में ऊपर  उठायें तथा कमर के ऊपरी भाग को गर्दन सहित  बायीं तरफ घुमाते हुए एवं साँस को  बाहर निकालते हुए  दाहिने हाथ के अंगूठे से बाएं पैर के अंगूठे को स्पर्श करें।  ५-१० सेकंड इस स्थिति में रुकें तथा गर्दन दाई तरफ मोडते हुए बाये हाथ के अंगूठे को देखते रहें। 
७- अब श्वास भरते हुए दोनों हाथो को वापस ले आयें। 
८- त्रिकोण आसन का यह एक चक्र पूर्ण हुआ। कम से कम दो बार इस प्रक्रिया को क्रमशः दुहरायें।
परिणाम :-
१- इस आसन को नियमित रूप से करने से अगल बगल की मांसपेशियों पर प्रभाव पड़ता है। 
  २- इस आसन को करने से कलाइयां मजबूत हो जाती हैं तथा पैरों के पिछले हिस्से में रक्त संचार सामान्य रूप से  होने लगता है। 
३- तंत्रिका तंर को मजबूत करते हुए यह आसन अवसाद की पीड़ा को कम करता है। 
४- यह आसन पाचन तन्त्र में सुधार लाता है। 
५- मोटापा कम करने में त्रिकोण आसन सहायक माना गया है। 

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