Sunday 4 March 2012

भस्त्रिका प्राणायाम

भस्त्रिका  का अर्थ भट्टी के लिए प्रयोग में लायी जाने वाली धौकनी है । लुहार की धौकनी की तरह यहाँ बल पूर्वक  हवा को भीतर से  बाहर की  ओर निकाली  जाती है ।
विधि :---
१- सिद्धासन अथवा पद्मासन में बैठकर मेरुदंड को सीधा रखें ।
२-दाहिने  अंगूठे को बायीं  नासिका पर रखें ।
३बायाँ  हाथ बाएं घुटने पर चिन्मयी मुद्रा में रखिये ।
४- नासिका का दाहिना छिद्र दाहिने  अंगूठे से बंद कीजिये और अनामिका से नाक  का बायाँ छिद्र बंद कीजिये ।
५_-दाहिने अंगूठे से दबाते हुए नाक का दाहिना छिद्र बंद कीजिये ।
६- बाएं नाक छिद्र से २० बार तेजी से श्वास लीजिये और छोडिये ।अंत में बाएं   छिद्र से पूरा श्वास लेकर दोनों छिद्रों को बंद करते हुए जालन्धर बंध में ११ सेकेण्ड तक अंतर कुम्भक कीजिये ।
७- अब बाएं छिद्र से धीरे धीरे २२ सेकेण्ड में श्वास को छोडिये ।
८- यही अभ्यास दायें छिद्र से भी कीजिये ।
९- अब दोनों छिद्रों से भी जल्दी जल्दी श्वास को भरें और छोड़ें ।
१० --अंत में दोनों छिद्रों से श्वास लेकर दोनों छिद्रों को बंद कीजिये और जालन्धर बंध में ११ सेकेण्ड तक  श्वास को अंतर कुम्भक में रोकिये ।
११ -अब जालन्धर बंध हटाते हुए २२ सेकेण्ड में श्वास को धीरे धीरे एक लय में छोडिये ।
१२- भस्त्रिका प्राणायाम का यह एक चक्र पूरा हुआ ।
१३- इस क्रिया को कम से कम ५ बार कीजिये ।
सावधानी :--
१- प्रारम्भ में यह क्रिया धीरे धीरे शुरू करें और बाद में नियंत्रण के साथ गति और समय में वृद्धि करें ।
२- इसे करते समय चेहरे पर अनावश्यक दबाव न दें बल्कि शरीर को कड़ा रखें और शिथिलता का अनुभव करें
३- श्वास की प्रक्रिया के समय और उसे रोकने के समय ध्यान मूलाधार चक्र पर केन्द्रित होना  चाहिए ।
४- जो व्यक्ति हृदय रोग  या उच्च रक्त चाप से पीड़ित हों वे कृपया  यह अभ्यास न करें बल्कि निम्न रक्त चाप से पीड़ित को यह अवश्य करना चाहिए ।
५- प्रातः या सायंकाल कभी भी ख़ाली पेट इसे किया जा सकता है  ।
परिणाम _--
१- इस अभ्यास से शरीर में गर्मी का अनुभव होता है एवं जाड़े में सर्दी कम लगती है ।
२- यह प्राणायाम शरीर की चर्बी कम करने में सहायक होता है ।
३- गले की सूजन में आराम पहुचता है और जठराग्नि तेज होती है ।
४- यह कार्बन आक्साइड समाप्त कर फेफड़ों को शुद्ध करता है ।
५- रक्त चाप को नीचे से ऊपर की ओर बढ़ाता है ।
६- दमा और सर्दी जुकाम ठीक करने में सहायक माना गया है ।
७- मोटापा घटाने में मदद करता है ।
८- सिर-दर्द और अनिद्रा दूर करता है ।
९- इससे पेट की गैस कम होती है तथा कब्जियत भी दूर होती है ।

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