Saturday 17 December 2011

अध्वासन

अध्वासन सरल आसन की श्रृंखला का एक सरल आसन है | अध्व का अर्थ है नीचे | इस आसन में शवासन की   विपरीत  मुद्रा बनाई जाती  है |
विधि :---
१- अपने आसन पर पेट के बल सीधा लेट जाएँ और सांसों को सामान्य कर लें |
२- दोनों हाथों को आगे हथेली नीचे करके फैला लीजिये और दोनों पंजों को आपस में मिला लीजिये  |
३- अपने दोनों पैरों और हाथों की अँगुलियों को पीछे की ओर तानें और शरीर के मध्य भाग से ऊपर और नीचे दोनों ओर शरीर को लम्बवत खींचें | इस दौरान दोनों हथेलियाँ एवं पंजे को थोडा ऊपर की ओर उठा लें |
४- अब गहरी और लम्बी साँस भरें और आराम का अनुभव करें  |
५-  इस दौरान अपनी दोनों आँखों को बंद रखें तथा बिना हिले डुले हुए  स्थिर रहें | इस समय आपका सम्पूर्ण ध्यान शरीर पर केन्द्रित होना चाहिए |
६- यथासम्भव रुकने के बाद हथेली और पंजे को नीचे आसन पर ले आयें और विश्राम करें |
सावधानी :--
 -इस मुद्रा में दो या तीन मिनट अथवा जितनी देर तक रुक सकें उतनी देर तक रुकें और आराम का अनुभव करें | इस आसन को प्रातः या संध्या किसी समय खाली पेट अथवा भोजन के ६ घंटे बाद ही करें |
परिणाम :---
१- यह आसन शरीर को आगे झुकने से रोकता है और रक्त प्रवाह में सुधार लाता है |
२- इस आसन से मेरुदंड और शरीर के शेष भाग में फैलाव  महशूस होता है |
३- घुटने एवं ठेहुने की कटोरी खिसक जाने  और गर्दन में कड़ापन होने पर यह आसन दर्द को दूर कर देता है |
४- यह  स्नायु एवं मांसपेशियों की प्रणाली को आराम पहुंचाता है और उनके कार्यों में सुधार लाता है |
५- पीठ दर्द के निवारण में यह आसन रामबाण की तरह उपयोगी माना गया है |

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