Thursday 27 October 2011

आहार एवं स्वास्थ्य

आहार एवं विहार  का जीवन से बड़ा गहरा सम्बन्ध है क्योंकि एक स्वस्थ शरीर के लिए संतुलित एवं सुपाच्य भोजन परमावश्यक  है |यौगिक चिकित्सा पद्धति में आहार का विशेष महत्व है |भोजन  वह पदार्थ है जिसके तत्व पचकर नये तत्वों में परिवर्तित होकर शरीर के ऊतक और शिराओं का अंग बन जाते हैं जो ऊर्जा का निर्माण करते हैं | अतः भोजन शरीर की आवश्यकता को देखते हुए उसी मात्रा और एक निश्चित  समय पर किया जाये जिससे शरीर पर कोई प्रतिकूल प्रभाव न पड़े | भोजन से शरीर तो पुष्ट होता ही है साथ ही साथ वह हमारे विचारों को भी प्रभावित करता है  | भोजन मुख्यतः सात्विक एवं तामसिक दो प्रकार के माने जाते हैं /  भोजन  में पाए जाने वाले तत्वों का विशेष महत्व है ना कि भोजन के स्वाद का | भोजन के प्रमुख कार्य शरीर के अंगों की वृद्धि ,रासायनिक प्रतिक्रिया की क्षतिपूर्ति ,शक्ति उत्पादन ,रक्षात्मक कार्य ,विशेष रसों का निर्माण आदि हैं | अतः भोजन में निम्न तत्वों का होना अति आवश्यक है :----
प्रोटीन :----- रासायनिक संयोग से बने हुए यौगिक को प्रोटीन कहतें हैं | हमारे शरीर की समस्त मांसपेशियों का निर्माण प्रोटीन से ही होता है |यह शरीर के अंगों के विकास के साथ साथ हमें विभिन्न रोगों से लड़ने की  क्षमता भी प्रदान करता है |  वह भोजन जिसमें प्रोटीन की उचित मात्रा होती है वे हैं दाल,दूध,सोयाबीन,मटर,पनीर राजमा,  चना,मूंगफली ,अखरोट,अंडे,  मछली, मांस आदि |
कार्बोहाइड्रेट:--- इसमें शर्करा और स्टार्च का समावेश होता है जिससे यह शरीर में ऊर्जा के मुख्य श्रोतों में प्रमुख तत्व है जो शरीर में ग्लाइकोजन के रूप में जमा होता है |प्रोटीन तथा वसा के उपयोग तथा मांस पेशियों के निर्माण में भी कार्बोहाइड्रेट सहायक होता है |ऐसे तत्वयुक्त   भोजन चावल, गेहूं, आलू, चीनी, मिठाई, आम, केला शकरकंदी,गन्ना,शहद,गुड,हरी सब्जी तथा मीठे रसीले फलों से प्राप्त होते हैं |
वसा :---वसा शरीर में ऊर्जा का प्रमुख श्रोत है | इसे चिकने या चर्बी के रूप में भी जाना जाता है | यह शरीर के भीतर और शरीर के बाहर भी पाई जाती है |त्वचा के नीचे वसा बहुत अधिक मात्रा में होती है और यह शरीर को सुन्दर ,सुडौल व आकर्षक रखने में सहायक होती है तथा शक्ति और गर्मी प्रदान करती है  |वसा पाए जाने वाले भोजन में मुख्य दूध ,घी ,मक्खन,खोया,तेल, मूंगफली,काजू,सोयाबीन, बादाम,अंडा,अखरोट,मछली व मांस हैं |
विटामिन्स :---  विटामिन एक पौष्टिक तत्व है जिससे शरीर में ए,बी ,सी ,डी,ई तथा के विटामिन्स पायी जाती हैं |यह शरीर को स्क्स्थ, सुन्दर व आकर्षक रखने में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं |यह शरीर में दो रूप में दृष्टिगत होती है;   पहली पानी में घुलने वाली जैसे बी सी और दूसरी वसा में घुलने वाली जैसे ए ,डी ई |भोजन में अधिक मात्रा में  विटामिन्स देने वालों में प्रमुख सभी प्रकार के फल ,ताजी सब्जियां ,दालों के छिलके व अंकुरित अनाज हैं |
खनिज लवण :--भोजन में सोडियम,पोटेशियम,कैल्शियम फास्फोरस,सोडियमक्लोराइड,बाईकार्बोनेट ,तांबा,सिलेनियम आदि भी आवश्यक  है |लवण शरीर में होने वाली जटिल कोशिकीय प्रक्रियाओं में सहायक होता है तथा शरीर को  स्वस्थ रखने में अपना महत्वपूर्ण योगदान देता है |अस्थियों के निर्माण में कैल्शियम एवं फास्फोरस का बड़ा योगदान है |ये तत्व दूध अंडा अनाज हरे साग, गाजर आंवला आदि में पाए जाते हैं |लोहा शरीर में खून के लाल कणों के निर्माण के लिए आवश्यक है | चूंकि शरीर की लाली हिमोग्लोबिन की मात्रा पर निर्भर करती है. अतः लौह तत्व अधिक मात्रा में होना चाहिए |इसकी कमी से एनीमिया रोग की सम्भावना हो जाती है |लौह तत्व पाए जाने वाले पदार्थ है हरे साग [पालक,बथुवा ,सरसों ] ,बैगन, सेव ,अंडे आदि |आयोडीन की कमी से घेंघा रोग होने की सम्भावना होती है| अतः आयोडीनयुक्त नमक स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है |
जल :---शरीर के लिए जल बहुत ही आवश्यक तत्व है |पूरे शरीर में ६० प्रतिशत पानी होता है अर्थात ६५ किलोग्राम के शरीर में लगभग ४० किलोग्राम पानी होता है |शरीर में पाचन क्रिया के लिए अधिक पानी लाभकारी होता है |पानी की कमी से शरीर में डिहाईडरेशन हो जाता है जिससे मनुष्य की मृत्यु भी हो जाती है | प्रदूषित जल से विभिन्न तरह के रोगों का जन्म हो सकता है | ऐसे रोग पीलिया, हैजा, कोलाइटिस व पेचिस हैं |
उपर्युक्त घटकों का समुचित संमिश्रण ही  हमें संतुलित आहार दे सकता है |विभिन्न खाद्य पदार्थों से प्राप्त होने वाली कैलोरीज भी भोजन का एक महत्वपूर्ण अंग है |प्रत्येक भोज्य पदार्थ से अलग अलग मात्रा में कैलोरी प्राप्त होती है जो निम्नवत हैं :---
प्रोटीन --------४ किलो कैलोरी प्रति ग्राम
कार्बोहाइड्रेट -------४ किलो कैलोरी प्रति ग्राम
फैट [वसा ]------ ९ किलो कैलोरी प्रति ग्राम
संतुलित आहार के लिए ५५ प्रतिशत ऊर्जा कार्बोहाइड्रेट से तथा २५ प्रतिशत ऊर्जा वसा से एवं २० प्रतिशत ऊर्जा प्रोटीन से प्राप्त होनी चाहिए |आहार के विभिन्न घटकों की आवश्यकता आयु के साथ परिवर्तित होती रहती है| अतः अवस्थानुसार इन घटकों का भोजन में संतुलित समावेश सुनिश्चित करनी चाहिए |
आहार के सम्बन्ध में निम्नांकित तथ्यों को भी ध्यान में रखना परमावश्यक है :-------
१- भोजन को फ्राई करने से उसके पोषक तत्व जैसे विटामिन्स ,प्रोटीन व खनिज तत्व नष्ट हो जाते हैं |
२- भोजन बनाने में आप उतना ही जल का प्रयोग करें जितना उसके लिए आवश्यक हो क्योंकि खाना पकाने के बाद  उसमें से अधिक पानी  फेंकने से  उसके पोषक तत्व निकल  जाते हैं |
३- अनाज के छिलकों में विटामिन्स की भरपूर मात्रा होती है | अतः चोकर युक्त आटे का ही प्रयोग करें |मैदा आँतों के लिए हानिकारक होता है क्योंकि वह आँतों में चिपक जाता है और पाचन क्रिया पर विपरीत प्रभाव डालता है |
४- फलों, हरी सब्जियों एवं सलाद का प्रयोग अधिक मात्रा में करें तथा भोजन के पूर्व हाथ मुहं धो लें ||
५-खाने को बार बार या अधिक देर तक गरम करने से उसके पोषक तत्व जैसे प्रोटीन  और वसा नष्ट हो जाते हैं|
६- ताजे और हल्के गरम  भोजन से स्वाद भी बना रहता है और पोषक तत्व भी सुरक्षित रहते हैं |
७- तेज भूख लगने पर ही भोजन करना चाहिए तथा भोजन के पहले या बाद में शारीरिक श्रम नहीं करना चाहिए तथा पेट को आधा भोजन से ,चौथाई पानी से और चौथाई हवा के लिए रिक्त छोड़ दें |
८- सप्ताह में एक दिन उपवास रखना अथवा केवल फलाहार रखना लाभकारी  होता है |
९- भोजन को खूब चबा चबा कर खाना चाहिए और जल्दबाजी में खाना कदापि न खाएं अन्यथा आँतों में सड़न होने की सम्भावना बढ़ जाएगी  |
१० -भोजन करते समय पानी बहुत कम पीना चाहिए तथा फ्रिज का ठंडा पानी गर्म भोजन करते समय बिलकुल न पियें | भोजन और पानी में डेढ़ घंटे का अंतर रखें |
११- खुले स्थान पर  रखे भोजन अथवा बासी भोजन भी नहीं  करना चाहिए | मौसम के अनुकूल सब्जी और फलों का सेवन करें  |
१२ - भोजन करते समय उत्तेजक पदार्थ जैसे शराब, चाय, काफी आदि का प्रयोग  नहीं करना चाहिए | 
१३- भोजन के आठ घंटे बाद ही पुनः भोजन करना चाहिए तथा एक निश्चित समय पर ही भोजन करना चाहिए
१४ -भोजन साफ बर्तनों में मंद आंच पर पकाएं |सब्जियों को काटने के पहले धोएं उनके छिलके अधिक न उतारें अन्यथा लवण व विटामिन नष्ट हो जायेंगे |
१५ -भोजन करने के तुरंत बाद पेशाब करें |कुछ देर वज्रासन में बैठने से पाचन शक्ति बढ़ जाती है |

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